151 शिक्षकों को मिला “पारस रत्न शिक्षक सम्मान”, रायपुर में हुआ भव्य आयोजन

पारस रत्न शिक्षक सम्मान

पारस रत्न शिक्षक सम्मान

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रायपुर में आयोजित “पारस रत्न शिक्षक सम्मान” समारोह में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से आए 151 उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित किया गया। इस सम्मान से उन शिक्षकों को नवाज़ा गया, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और सामाजिक बदलाव के लिए उल्लेखनीय कार्य किए हैं।

राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों की गरिमामयी उपस्थिति

समारोह में कई विशिष्ट अतिथि शामिल हुए जिनमें उत्तर रायपुर विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, दक्षिण रायपुर विधायक श्री सुनील सोनी, अंबिकापुर की महापौर श्रीमती मंजूषा भगत, बाल आयोग अध्यक्ष वर्णिका शर्मा, केंद्रीय लोक शिकायत मंडल अध्यक्ष शिव पात्रे, नगर पालिका महासमुंद की प्रतिनिधि शौरीन चंद्रसेनी और राशि त्रिभुवन, डॉ. उदय भान चौहान समेत कई अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहे।

पारस ग्रुप ऑफ फाउंडेशन की सराहनीय पहल

पारस ग्रुप ऑफ फाउंडेशन की अध्यक्ष कविता कुम्भज, सचिव मूलचंद कश्यप, कोषाध्यक्ष राहुल कुम्भज और उपाध्यक्ष ज्योति कुम्भज ने मंच से सभी शिक्षकों को बधाई दी और कहा कि यह आयोजन समाज को यह संदेश देता है कि “शिक्षक ही असली बदलाव के वाहक हैं।”

सफल आयोजन में सहयोगियों की अहम भूमिका

इस भव्य कार्यक्रम को सफल बनाने में अनेक संस्थानों और व्यक्तियों का सहयोग रहा। प्रमुख सहयोगियों में शामिल रहे: श्रीमती चंपा देवी, इंदिरा देवी जैन चैरिटेबल ट्रस्ट

रुद्रांश ज्वेलर्स, DAC Academy, तिरुपति धार्मिक यात्रा टूर & ट्रेवल, तिरुपति प्रॉपर्टी, महतो स्टूडियो,

JE Elevators, MVL Film Production, DB Graphic, MR Computer Centre धमतरी, त्रिवेणी स्टील रेलिंग,

RS Honda, CG Education & Career Guidance, IT Solutions, पारस इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन,

भोलूचंद न्यूज़ पोर्टल

इनके अलावा पियूष जैन, किशोर महिलांगे, देवेंद्र चतुर्वेदी, डॉ. मिथिलेश पाठक, डॉ. कल्पना, डॉ. नरेंद्र पांडेय,
संजीव यादव, बुलाकी वर्मा, प्रीतम महानंद, विनोद जैन, पायल नागरानी, रानी सिंह, काजल निर्मलकर,
अतुल सिंह, भूषण साहू, रात्रि लहरी, हरदीप कौर, अदिति ठिकरिया, राधिका यादव, स्मिता, पूजा साहू,
गीता साहू, कीर्ति साहू, काजल समेत कई लोगों ने आयोजन को सफल बनाने में योगदान दिया।

सम्मान पत्र और ट्रॉफी से उत्साहित हुए शिक्षक

कार्यक्रम के दौरान शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र और ट्रॉफी प्रदान की गई। सभागार तालियों से गूंज उठा और शिक्षकों ने इस सम्मान को नई ऊर्जा और प्रेरणा का स्रोत बताया। उनका कहना था कि यह पुरस्कार उन्हें आगे और बेहतर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

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