नई दिल्ली – भारत में UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) अब सिर्फ एक पेमेंट सिस्टम नहीं, बल्कि दैनिक जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। ग्रॉसरी से लेकर बिल पेमेंट और दोस्तों को पैसे भेजने तक, लोग हर जगह UPI का उपयोग कर रहे हैं। इसी बीच, NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) ने UPI से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है, जो सीधे आपके उपयोग के तरीके को प्रभावित करेंगे।
1. बैलेंस चेक करने की लिमिट तय
अगर आप दिन में बार-बार अपना बैंक बैलेंस चेक करते हैं, तो अब सतर्क हो जाइए।
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अब एक दिन में सिर्फ 50 बार ही बैलेंस चेक किया जा सकेगा।
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बैंक अकाउंट की लिस्ट आप 25 बार ही देख पाएंगे।
यह कदम सिस्टम पर अधिक लोड को कम करने के लिए उठाया गया है। बार-बार बैलेंस चेक करने की आदत अब बदलनी होगी।
2. ऑटो-पे ट्रांजेक्शन का समय बदला
अब UPI ऑटो-पे आधारित EMI, SIP या OTT सब्सक्रिप्शन जैसे ट्रांजेक्शन केवल गैर-पीक समय में ही प्रोसेस होंगे।
नया शेड्यूल:
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सुबह 10 बजे से पहले
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दोपहर 1 बजे से 5 बजे तक
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रात 9:30 बजे के बाद
इसका मतलब, जो पेमेंट्स पहले व्यस्त समय में होते थे, वे अब इन निर्धारित समयों में होंगे। इसलिए, जरूरी पेमेंट्स के लिए रिमाइंडर लगाना अब और ज़रूरी हो गया है।
3. फेल ट्रांजेक्शन पर सिर्फ 3 मौके
अगर आपका पेमेंट फेल होता है, तो उसे ट्रैक करने के लिए अब केवल तीन बार ही स्टेटस चेक कर सकते हैं।
हर प्रयास के बीच 90 सेकंड का अंतराल अनिवार्य होगा।
यह बदलाव भी सर्वर पर अनावश्यक लोड को कम करने के मकसद से किया गया है।
4. पैसे भेजने से पहले दिखेगा रिसीवर का नाम
अब UPI ट्रांजेक्शन के दौरान पैसे भेजने से पहले रिसीवर का नाम दिखेगा।
इससे गलत अकाउंट में पैसे भेजने की संभावना कम होगी और धोखाधड़ी से बचाव होगा।
यह बदलाव यूजर्स की सुरक्षा और ट्रांजेक्शन की पारदर्शिता को बढ़ावा देगा।
5. UPI रहेगा GST-मुक्त
UPI ट्रांजेक्शन पर किसी भी प्रकार का GST नहीं लगेगा, भले ही पेमेंट ₹2,000 से अधिक का हो।
हालांकि कुछ व्यापारी वर्ग के लिए अलग से चार्ज हो सकता है, लेकिन आम यूजर्स को इस बदलाव से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा।