रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने आदेश दिया है कि अब अचल संपत्ति (भूमि-जायदाद) की रजिस्ट्री के लिए किसानों से ऋण पुस्तिका पेश करने की आवश्यकता नहीं होगी। यह निर्देश पंजीयन महानिरीक्षक पुष्पेंद्र मीणा ने जारी किया है।
ऑनलाइन डेटा से होगी पूरी पुष्टि
सरकार का कहना है कि रजिस्ट्री के दौरान भौतिक ऋण पुस्तिका की कोई विशेष प्रासंगिकता नहीं है, क्योंकि पंजीयन अधिकारियों के पास इसके तथ्यों की सत्यता जांचने का कोई प्रावधान नहीं है। अब भूमि पंजीकरण में ऑनलाइन राजस्व अभिलेख और भुईयां पोर्टल से भूमि, खसरा और बी-1 की जानकारी सीधे मिल जाएगी।
ऑटो म्यूटेशन से रिकॉर्ड अपडेट
राजस्व विभाग के ऑटो म्यूटेशन सिस्टम के जरिए भूमि पंजीकरण होते ही खसरे का बटांकन और नया बी-1 तैयार हो जाता है। इससे क्रेता और विक्रेता दोनों के रिकॉर्ड स्वतः अपडेट हो जाते हैं।
किसानों को मिलेगा फायदा
पहले भौतिक ऋण पुस्तिका की कमी या देरी के कारण किसानों को रजिस्ट्री के समय परेशानी होती थी। अब ऑनलाइन सत्यापन के माध्यम से प्रक्रिया तेज़, पारदर्शी और पेपरलेस होगी।
निर्देश—ऋण पुस्तिका की मांग न करें
पंजीयन अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि रजिस्ट्री और संबंधित कार्यों में किसानों/पक्षकारों से ऋण पुस्तिका की मांग न करें। भूमि स्वामित्व, फसल विवरण और अन्य प्रासंगिक जानकारी ऑनलाइन डेटा से सत्यापित की जाएगी।

