नेशनल ड्रग प्राइसिंग अथॉरिटी (NDPA) ने 8 दवाओं के 11 फॉर्मूलेशन की कीमतों में 50% तक की वृद्धि की है। यह निर्णय दवाओं की उत्पादन लागत में बढ़ोतरी के कारण लिया गया है। दवाओं के फॉर्मूलेशन की कीमतों में यह वृद्धि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ एक बैठक में निर्धारित की गई।
दवा कंपनियों को हो रहा था नुकसान:
इन दवाओं के अधिकतम दाम इतने कम थे कि उत्पादन और मार्केटिंग करने वाली कंपनियों को घाटा हो रहा था। इस स्थिति के कारण कुछ कंपनियों ने इनकी मार्केटिंग बंद कर दी थी। इसके अलावा, कई कंपनियों ने एनपीपीए से इनकी मार्केटिंग रोकने की भी मांग की थी। चूंकि ये दवाएं बुनियादी हैं, उनकी सप्लाई पर गंभीर प्रभाव पड़ा, जिससे मरीजों और डॉक्टरों दोनों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा।
किन दवाओं को रेट बढ़ गए:
NPPA ने जिन दवाओं की कीमतें बढ़ाई हैं, उनमें ग्लूकोमा, अस्थमा, टीबी, थैलेसीमिया, और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी दवाएं शामिल हैं। जिन फॉर्मूलेशन की कीमतें बढ़ाई गई हैं, उनमें बेंजिल पेनिसिलिन 10 लाख आईयू इंजेक्शन, सालबुटामोल टैबलेट (2 मिलीग्राम और 4 मिलीग्राम), और रेस्पिरेटर सॉल्यूशन (5 मिलीग्राम/ml) शामिल हैं। ये दवाएं फर्स्ट लाइन ट्रीटमेंट के रूप में उपयोग की जाती हैं।