बिलासपुर: कड़ी मेहनत, मार्गदर्शन, आत्मविश्वास और परिवार का साथ—जब ये चारों तत्व किसी के जीवन में एक साथ हों, तो सफलता केवल एक लक्ष्य नहीं, बल्कि एक प्रेरणा बन जाती है। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है डॉ. गीतांजलि पंकज की, जिन्होंने पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर से पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर अपने परिवार और पूरे बिलासपुर क्षेत्र का नाम रोशन किया है।
महिला सशक्तिकरण पर शोध, समाज को समर्पित दृष्टिकोण
डॉ. गीतांजलि ने अपने शोधकार्य का विषय “स्वयं सहायता समूह के द्वारा महिला सशक्तिकरण: बिलासपुर जिले के विशेष सन्दर्भ में” चुना। उनके गाइड डॉ. सुनील कुमार कुमेटी के निर्देशन में यह शोध कार्य संपन्न हुआ, जिसमें विभागाध्यक्ष डॉ. रविंद्र ब्रह्मे, डॉ. बी.एल. सोनकर और डॉ. अर्चना सेठी का निरंतर मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। पद्मश्री फूलबासन बाई यादव (फूलबासन दीदी) से उन्हें महत्वपूर्ण सुझाव मिले और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का भरपूर सहयोग मिला।
शिक्षा और खेल दोनों में अग्रणी
बचपन से ही प्रतिभाशाली रहीं गीतांजलि की शिक्षा यात्रा अत्यंत सराहनीय रही है:
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सरस्वती शिशु मंदिर, मस्तूरी से पाँचवीं कक्षा में 90.5% अंकों के साथ उत्तीर्ण होकर नवोदय विद्यालय मल्हार में चयन।
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गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिलासपुर से अर्थशास्त्र में एमए (80%)।
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बिलासपुर विश्वविद्यालय से बीएड (77%)।
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सीजी TET और सीजी SET दोनों परीक्षाएं पास कीं।
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विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में गेस्ट लेक्चरर के रूप में कार्य किया।
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स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में भी शिक्षिका के रूप में सेवाएं दीं।
शैक्षणिक क्षेत्र के साथ-साथ खेलों में भी उन्होंने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। वॉलीबॉल में राज्य और विश्वविद्यालय स्तर पर उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
शोध क्षेत्र में व्यापक भागीदारी
अपने शोधकाल के दौरान डॉ. गीतांजलि ने 150 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सेमिनार/वेबिनार में भाग लिया। उन्होंने बीएचयू, वाराणसी, एमपी सोशल साइंस रिसर्च इंस्टिट्यूट, उज्जैन और केरल में आयोजित शोध कार्यशालाओं में भी सक्रिय भागीदारी की।
परिवार का मजबूत साथ
उनकी सफलता के पीछे माता-पिता का दृढ़ समर्थन और प्रेरणा रही। पिता श्री उदय प्रसाद पंकज (सेवानिवृत्त हाई स्कूल प्रिंसिपल) और माता श्रीमती लक्ष्मी पंकज ने हमेशा शिक्षा को प्राथमिकता दी। दीदी पुष्पांजलि, भाई कमलेश और बहन पूजा उनके सबसे मजबूत सहायक रहे।
डॉ. गीतांजलि अपने परिवार की पहली पीएचडी धारक बनीं, जिससे पंकज (पैतृक) और भारद्वाज (ननिहाल) परिवार गौरवान्वित हुए।
सामाजिक सेवा में भी अग्रसर
वर्तमान में वे गवर्नमेंट सीबीएसई इंग्लिश मीडियम स्कूल में अध्यापन कार्य कर रही हैं। साथ ही कई सामाजिक संगठनों से जुड़कर समाजसेवा में भी सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।