रायपुर। छत्तीसगढ़ की मिट्टी, धातु और लकड़ी में छिपे हुनर को पहचान दिलाने के लिए अब सरकार ने कमर कस ली है। राजधानी रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में मंगलवार को आयोजित एक गरिमामय समारोह में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड की नवनियुक्त अध्यक्ष श्रीमती शालिनी राजपूत को पदभार ग्रहण करने पर बधाई और शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर उन्होंने छत्तीसगढ़ के शिल्पकारों के हुनर, संघर्ष और समर्पण की खुलकर सराहना की और उन्हें हरसंभव सहयोग देने का भरोसा दिलाया।
मुख्यमंत्री ने की बड़ी घोषणाएं:
हस्तशिल्पियों को ₹5000 की औजार अनुदान राशि का वितरण
शिल्पकारों को प्रशिक्षण, लोन और सब्सिडी से जोड़ा जाएगा रोजगार से
उत्पादों की सीधी बाजार तक पहुँच, बिचौलियों को हटाने का प्रयास
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में छत्तीसगढ़ की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी
हर जिले में है कारीगरी की अलग पहचान:
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा, “कोंडागांव के डोकरा आर्ट की विदेशों में माँग है, रायगढ़ के एकताल में धातु कला, बस्तर में काष्ठ शिल्प, और जशपुर के कोटामपानी में छिंद और कांसा से बनी कलाकृतियाँ — यह सब छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पूंजी है।” उन्होंने बताया कि हाल ही में उन्हें शिल्पग्राम कोंडागांव और रायगढ़ के दौरों के दौरान शिल्पकारों की मेहनत को करीब से देखने का मौका मिला। उन्होंने खुद को मिले छिंद और कांसा से बनी टोपी को एक अद्भुत कला का उदाहरण बताया।
शिल्पकारों को मिलेगा मंच, सम्मान और बाज़ार:
मुख्यमंत्री ने कहा कि हस्तशिल्प न केवल एक कला है, बल्कि यह हजारों ग्रामीणों के लिए आजीविका का माध्यम भी है। “हस्तशिल्प का काम ज़्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में होता है। इसे बढ़ावा देकर हम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बना सकते हैं।” उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि शिल्पकारों को तकनीकी प्रशिक्षण, डिज़ाइन में नवाचार, और बाजार की जानकारी दी जानी चाहिए, जिससे वे समय की मांग के अनुसार खुद को ढाल सकें।
पद्मश्री से सम्मानित पंडी राम मांझी का उल्लेख:
मुख्यमंत्री ने गढ़बेंगाल के शिल्पकार पंडी राम मांझी को पद्मश्री सम्मान मिलने पर भी प्रसन्नता जाहिर की और कहा कि “यह हम सभी छत्तीसगढ़वासियों के लिए गर्व का विषय है। हमारी कला को अब वैश्विक मंच पर पहचान मिलनी चाहिए।”
डॉ. रमन सिंह ने कहा: कुदरती हुनर है हमारे कलाकारों के पास:
कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने भी छत्तीसगढ़ के शिल्पकारों की सराहना करते हुए कहा कि “चाहे वह मिट्टी के खिलौने हों, बेल मेटल की मूर्तियाँ हों, कसीदाकारी हो या गोदना और टेराकोटा — छत्तीसगढ़ के कलाकारों के हाथों में चमत्कार है।” उन्होंने सुझाव दिया कि बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए डिज़ाइनरों को जोड़ा जाए ताकि शिल्प उद्योग को नया आयाम मिल सके।