साय कैबिनेट मीटिंग: दिव्यांगों, शासकीय कर्मचारियों और शिक्षा क्षेत्र के लिए बड़े फैसले

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रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित मंत्रिपरिषद की अहम बैठक में कई जनहितकारी निर्णय लिए गए। सरकार ने जहां एक ओर दिव्यांगजनों की वित्तीय स्थिति मजबूत करने का रास्ता खोला, वहीं शासकीय सेवकों और शिक्षकों के लिए भी राहतभरे निर्णय लिए गए।
कर्मचारियों को वेतन के बदले मिलेगा शॉर्ट टर्म लोन
राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों की आकस्मिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, वेतन के विरुद्ध अल्पावधि ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इस योजना को लागू करने के लिए बैंकों व वित्तीय संस्थाओं से प्रस्ताव मंगाए जाएंगे, और वित्त विभाग को इसकी पूरी प्रक्रिया को संचालन हेतु अधिकृत किया गया है।
दिव्यांगजनों को राहत: ₹24.50 करोड़ की बकाया राशि का एकमुश्त भुगतान
राज्य सरकार ने राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम (NDFDC) की बकाया राशि ₹24.50 करोड़ को एकमुश्त चुकता करने का निर्णय लिया है। इससे प्रदेश के दिव्यांग नागरिकों को कम ब्याज दर (3%) पर शिक्षा व स्वरोजगार हेतु ऋण फिर से मिलने लगेगा। यह कदम दिव्यांगजनों के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा समर्थन साबित होगा।
स्पेशल एजुकेटर की भर्ती में नियमों में छूट, मेरिट से होगी नियुक्ति
शिक्षा विभाग को बड़ी राहत देते हुए मंत्रिपरिषद ने 100 स्पेशल एजुकेटर पदों की भर्ती में चयन परीक्षा की अनिवार्यता को एक बार के लिए शिथिल कर दिया है। अब भर्ती प्रक्रिया मेरिट लिस्ट के आधार पर होगी। यह फैसला विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों के लिए शिक्षकों की कमी को दूर करने में सहायक होगा।
प्रशासनिक बदलाव: विकास शील बने नए मुख्य सचिव
कैबिनेट बैठक के अंत में 1989 बैच के आईएएस अधिकारी श्री अमिताभ जैन को मुख्य सचिव पद से विदाई दी गई। वहीं 1994 बैच के आईएएस श्री विकास शील को छत्तीसगढ़ का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया। कैबिनेट ने अमिताभ जैन के योगदानों की सराहना करते हुए उनका अभिनंदन किया और विकास शील का स्वागत किया।