ओजोन परत का क्षरण: मानव की उपयोगवादी प्रवृत्ति और भोगवादी जीवनशैली का दुष्परिणाम

ओजोन परत का क्षरण

ओजोन परत का क्षरण

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रायपुर: विश्वभर में प्रत्येक वर्ष 16 सितम्बर को “ओजोन परत संरक्षण दिवस” मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य ओजोन परत के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना और उसके संरक्षण के लिए प्रयासों को बढ़ावा देना होता है। वर्ष 2025 की थीम — “जीवन के लिए ओजोन”, जो इस बात को रेखांकित करती है कि ओजोन परत समस्त जीव-जंतुओं और प्रकृति के लिए कितनी आवश्यक है।

दुर्गा महाविद्यालय में जागरूकता कार्यक्रम

दुर्गा महाविद्यालय के ईको क्लब द्वारा इस अवसर पर एक नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने ओजोन परत के क्षरण और उसके दुष्प्रभाव को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। प्रतिभागियों में विकास, कारण, तनु, मनीष, सूर्यकांत, शुभम, गौरव, सौम्या, परविंद, सोमराज, ऋतिक, वर्षा, वासना, चांदनी, मुकेश, दुर्गेश, गीतांजलि आदि शामिल रहे।

कार्यक्रम में प्राचार्य, भूगोल विभागाध्यक्ष, प्रो. ज्योति वर्मा, संयोजक जे.के. होता, सुनीता चंसौरिया, संजीव प्रमाणिक, भूपेंद्र दुबे, रंजना शर्मा सहित 100 से अधिक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

दुर्गा महाविद्यालय ईको क्लब
दुर्गा महाविद्यालय ईको क्लब

क्या है ओजोन परत?

ओजोन परत पृथ्वी की सुरक्षा कवच है। यह वायुमंडल में पृथ्वी से लगभग 22 से 25 किमी ऊँचाई पर स्थित है और सूर्य की पराबैंगनी किरणों को अवशोषित कर लेती है। ये किरणें अत्यंत घातक होती हैं, जो सीधे धरती पर आकर जीवन के लिए खतरनाक बन सकती हैं।

ओजोन परत क्षरण के दुष्परिणाम

पराबैंगनी किरणों का 99% हिस्सा ओजोन परत अवशोषित कर लेती है।

यदि यह परत क्षतिग्रस्त हो जाती है, तो प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया रुक सकती है, जिससे पौधों की वृद्धि बाधित होती है।

त्वचा कैंसर, निमोनिया, अल्सर, मोतियाबिंद, और प्रतिरक्षा प्रणाली में कमजोरी जैसी बीमारियाँ बढ़ जाती हैं।

चर्म कैंसर के मामलों में हर साल लगभग 2 लाख की वृद्धि देखी गई है।

ओजोन परत के क्षरण के प्रमुख कारण

क्लोरो-फ्लोरो-कार्बन (CFCs) – यह ओजोन के लिए सबसे खतरनाक रसायन है, जो फ्रिज, एसी, फोम, कीटनाशकों, परफ्यूम, पेंट आदि में उपयोग होता है।

फ्रियोन गैसें (Freon-11, Freon-12) – ये गैसें ओजोन के साथ प्रतिक्रिया कर उसे नष्ट करती हैं।

वनों की अंधाधुंध कटाई – इससे ऑक्सीजन का स्तर घटता है और ओजोन का निर्माण प्रभावित होता है।

नाइट्रिक ऑक्साइड व क्लोरीन ऑक्साइड जैसी गैसें भी ओजोन परत को नुकसान पहुँचाती हैं।

क्या करें हम? (समाधान के सुझाव)

CFC युक्त उत्पादों का उपयोग न करें।

ऊर्जा की खपत कम करें और नवीनीकरणीय स्रोतों का उपयोग करें।

अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें।

जागरूकता कार्यक्रमों में भाग लें और दूसरों को भी प्रेरित करें।

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