रायपुर: भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए टिकट अपग्रेडेशन सिस्टम में बड़ा बदलाव किया है। इस नई व्यवस्था के तहत अब सफर न सिर्फ सस्ता बल्कि और भी आरामदायक हो गया है। रेलवे के नए नियम के अनुसार, यदि आपने स्लीपर, सेकेंड सिटिंग या थर्ड एसी में टिकट बुक किया है और ऊंची श्रेणियों में सीटें खाली हैं, तो आपको बिना एक भी रुपया खर्च किए बेहतर श्रेणी में अपग्रेडेड सीट मिल सकती है।
अब सिर्फ कन्फर्म टिकट वालों को मिलेगा अपग्रेडेशन:
रेलवे की नई नीति के तहत केवल कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों को चार्ट बनने के बाद ऊंची श्रेणी में अपग्रेड किया जाएगा और इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा।
किन यात्रियों को होगा सबसे ज्यादा फायदा?:
स्लीपर क्लास यात्री अब सीधे सेकेंड एसी तक अपग्रेड हो सकते हैं, यदि सीट उपलब्ध है।
सेकेंड सिटिंग (2S) वाले यात्री अब एसी चेयरकार में सफर कर पाएंगे।
थर्ड एसी यात्री सेकेंड एसी में शिफ्ट हो सकते हैं।
और सेकेंड एसी में सफर कर रहे यात्रियों को फर्स्ट एसी का मौका भी मिल सकता है।
सीनियर सिटीजन को मिलेगा SMS अलर्ट:
बुजुर्गों के लिए रेलवे ने एक खास व्यवस्था की है। अगर कोई वरिष्ठ नागरिक लोअर बर्थ की जरूरत के साथ अपग्रेडेशन का विकल्प चुनते हैं, तो उन्हें SMS अलर्ट भेजा जाएगा। अलर्ट में यह बताया जाएगा कि अपग्रेडेशन में लोअर बर्थ की गारंटी नहीं है, और केवल उनकी सहमति के बाद ही अपग्रेड किया जाएगा।
कैसे मिलेगा अपग्रेडेशन?:
इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए टिकट बुक करते समय IRCTC पोर्टल पर “ऑटोमैटिक अपग्रेडेशन” विकल्प को चुनना जरूरी है। यदि यह विकल्प नहीं चुना गया, तो सीट खाली होने के बावजूद भी अपग्रेड नहीं मिलेगा।
ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि अपग्रेडेड टिकट रद्द करने पर रिफंड उसी श्रेणी के अनुसार मिलेगा, जिसमें मूल टिकट बुक किया गया था।
तकनीकी सहायता से प्रक्रिया और आसान:
रेलवे बोर्ड के पैसेंजर मार्केटिंग डायरेक्टर संजय मनोचा ने इस नई प्रणाली की जानकारी देते हुए सभी क्षेत्रीय रेलवे को निर्देश जारी किए हैं। इसके साथ ही, CRIS (Centre for Railway Information Systems) को सॉफ्टवेयर में जरूरी बदलाव करने को कहा गया है ताकि अपग्रेडेशन की प्रक्रिया स्वचालित और आसान बन सके।
पहले की तुलना में क्या बदला?:
पहले यह अपग्रेडेशन सुविधा सीमित थी और स्लीपर से सिर्फ थर्ड एसी तक अपग्रेड किया जा सकता था। लेकिन अब बिना किसी अतिरिक्त प्रयास, आवेदन या सिफारिश के, यात्रियों को सिस्टम के जरिए ही बेहतर श्रेणी में स्थान मिल सकता है।