प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की अहम बैठक में 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के Terms of Reference (ToR) को हरी झंडी मिल गई है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री ने आयोग की संरचना, नियम और कार्यकाल को मंजूरी दे दी है। यह फैसला देश के करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनभोगियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। इनमें रक्षा बलों के कर्मी भी शामिल हैं।
रंजना प्रकाश देसाई होंगी आयोग की अध्यक्ष
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई को 8वें वेतन आयोग का चेयरपर्सन नियुक्त किया है। उनके साथ आईआईएम बैंगलुरु के प्रोफेसर पुलक घोष और पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस सचिव पंकज जैन आयोग के सदस्य होंगे। आयोग से उम्मीद है कि वह 18 महीनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगा।
जनवरी में मिली थी सैद्धांतिक मंजूरी
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने बताया कि जनवरी 2025 में ही 8वें वेतन आयोग को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई थी। रक्षा, गृह और रेलवे मंत्रालयों से परामर्श के बाद आयोग की रूपरेखा तैयार की गई है। अब आयोग की सिफारिशों के बाद कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और पेंशन में सुधार की राह खुलेगी।
नई वेतन संरचना 2026 से लागू हो सकती है
सरकार ने संकेत दिए हैं कि आयोग की रिपोर्ट पूरी होने और कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद नई वेतन संरचना लागू की जाएगी। इसकी संभावित तारीख 1 जनवरी 2026 तय की गई है। कई महीनों से आयोग की मांग कर रहे कर्मचारी संगठनों में उत्साह का माहौल है।
क्या होता है वेतन आयोग?
केंद्र सरकार हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग बनाती है। यह आयोग सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन, भत्तों और पेंशन की समीक्षा कर नई वेतन नीति तय करता है। इसका उद्देश्य कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति सुधारना और जीवन स्तर बढ़ाना होता है।
कैसे तय होती है सैलरी?
नया वेतन निर्धारण फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) के ज़रिए किया जाता है।
यह एक गुणांक (Multiplier) होता है, जो पुराने वेतन को गुणा कर नया वेतन तय करता है।
उदाहरण:
6वां वेतन आयोग: ₹7,000 → ₹15,750
7वां वेतन आयोग: फिटमेंट फैक्टर 2.57 से ₹18,000
8वां वेतन आयोग (संभावित): फिटमेंट फैक्टर 3.0 हुआ तो ₹18,000 → ₹54,000 तक वेतन बढ़ सकता है।

