रायपुर – बालको मेडिकल सेंटर ने विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर अपने नियमित स्वैच्छिक रक्तदाताओं के प्रति आभार प्रकट किया। यह दिवस हर वर्ष 14 जून को मनाया जाता है, जो महान वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टाइनर की जयंती है। उन्होंने रक्त समूहों की खोज कर चिकित्सा विज्ञान को एक नई दिशा दी।
इस दिन का उद्देश्य है – सुरक्षित रक्त और उसके घटकों की आवश्यकता के प्रति जन-जागरूकता फैलाना और स्वैच्छिक रक्तदाताओं को उनके अमूल्य योगदान के लिए धन्यवाद देना।
क्यों ज़रूरी है रक्तदान?
बालको मेडिकल सेंटर के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. नीलेश जैन ने बताया कि दुनिया भर में हर कुछ सेकंड में किसी न किसी को रक्त की आवश्यकता होती है। चाहे वह कैंसर के मरीज हों, थैलेसीमिया या सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित बच्चे, या फिर आपातकालीन दुर्घटनाओं के शिकार लोग – सभी के लिए सुरक्षित रक्त जीवन रक्षक है।
भारत में हर वर्ष लगभग 13 मिलियन यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है, जबकि केवल 11.55 मिलियन यूनिट ही एकत्रित हो पाता है। यह अंतर गंभीर चिंता का विषय है और केवल नियमित, नि:स्वार्थ एवं स्वैच्छिक रक्तदान से ही इस कमी को दूर किया जा सकता है।
सुरक्षित रक्त की भूमिका
सुरक्षित रक्त न केवल गंभीर बीमारियों के इलाज में मदद करता है, बल्कि जटिल शल्य क्रियाओं, मातृ और नवजात देखभाल, और आपातकालीन स्थितियों में जीवनरक्षक भूमिका निभाता है। इसलिए समाज के हर योग्य व्यक्ति को चाहिए कि वह समय-समय पर रक्तदान करे।
2025 का थीम:
“रक्त दो, आशा दो” – यह संदेश दुनिया भर के रक्तदाताओं को प्रेरित करता है कि उनका दिया गया रक्त किसी के लिए जीवन की उम्मीद बन सकता है।