रायपुर: कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। आयुक्त सह संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं ने राज्य के सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (CMHO) को पत्र लिखकर आवश्यक तैयारियां करने और निगरानी तंत्र को सक्रिय रखने के निर्देश दिए हैं।
ILI और SARI मामलों की सघन निगरानी
दिए गए निर्देशों के अनुसार, सर्दी, खांसी और बुखार जैसे लक्षण वाले मरीजों की पहचान और निगरानी OPD और IPD दोनों स्तरों पर की जाए। ऐसे सभी ILI (इन्फ्लुएंजा जैसे लक्षण) और SARI (गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण) मामलों को IHIP पोर्टल के निर्धारित फॉर्म-1 में दर्ज करना अनिवार्य होगा।
गांव-गांव होगी मितानिनों के जरिए रिपोर्टिंग
स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि मितानिनों को समुदाय में सक्रिय करते हुए बुखार, खांसी, सर्दी-जुकाम जैसे लक्षणों वाले लोगों की पहचान की जाए और उन्हें Community Reporting पोर्टल पर रिपोर्ट किया जाए। इसके लिए मितानिनों को विशेष प्रशिक्षण और संवेदीकरण दिया जाएगा।
स्वास्थ्यकर्मियों के लिए मास्क जरूरी, इलाज में सावधानी
स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत सभी स्वास्थ्यकर्मियों को ILI/SARI के इलाज और प्रबंधन से संबंधित दिशानिर्देशों का प्रशिक्षण दिया जाए। साथ ही, सभी को अनिवार्य रूप से मास्क पहनना होगा ताकि संक्रमण से बचाव सुनिश्चित किया जा सके।
सुरक्षा सामग्री और दवाओं का भंडारण
SARI मरीजों के प्रबंधन के लिए अस्पतालों में मास्क, पीपीई किट और अन्य सुरक्षा उपकरणों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया है। इसके साथ ही ILI/SARI के लक्षणों के आधार पर दिए जाने वाले इलाज के लिए जरूरी दवाइयों का स्टॉक भी बनाए रखा जाए।
जरूरत पर कराएं कोविड जांच
अगर कोई ILI या SARI मरीज लक्षणात्मक इलाज के बावजूद ठीक नहीं हो रहा है, या उसे कोई अन्य गंभीर बीमारी (को-मॉर्बिडिटी) है, तो डॉक्टर की सलाह पर उसकी कोविड-19 जांच कराई जाए।