Wednesday, June 11, 2025
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World Water Day: विश्व जल दिवस विशेष : समझें…’जल है तो कल है’ का महत्व, जानिए पानी बचाने के तरीके…

रायपुर: World Water Day : हर साल 22 मार्च को पूरी दुनिया “विश्व जल दिवस” (World Water Day) के रूप में मनाती है। इसका उद्देश्य लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करना और यह समझाना है कि जल केवल एक संसाधन नहीं, बल्कि जीवन का आधार है। आज जब हम विकास की ओर बढ़ रहे हैं, तब जल संकट भी एक गंभीर समस्या के रूप में उभर रहा है। धरती पर पानी की उपलब्धता सीमित है, और यदि इसे बचाने के प्रयास नहीं किए गए, तो आने वाले समय में यह मानवता के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है।

जल संकट: एक बढ़ती हुई समस्या

World Water Day: आज भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया जल संकट की ओर बढ़ रही है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की लगभग 2.1 बिलियन (210 करोड़) आबादी को स्वच्छ पानी नहीं मिल पाता। बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण, उद्योगों से जल प्रदूषण और जल प्रबंधन की कमी इस संकट के मुख्य कारण हैं। कई जगहों पर भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है, जिससे सूखे की स्थिति उत्पन्न हो रही है।

क्या कहती है रिपोर्ट?

भारत में 21 प्रमुख शहरों में 2030 तक भूजल समाप्त होने की संभावना जताई गई है।

ग्लोबल वॉटर क्राइसिस रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की 50% से अधिक आबादी को हर साल कम से कम एक महीने पानी की गंभीर कमी का सामना करना पड़ता है।

2050 तक दुनिया में जल की मांग 30% बढ़ने की संभावना है, जिससे जल संकट और गहरा सकता है।

पानी की हर बूंद कीमती: जल संरक्षण की आवश्यकता

प्रकृति ने हमें जल के रूप में एक अनमोल उपहार दिया है, लेकिन हमने इसे संजोने की बजाय इसे बर्बाद करना शुरू कर दिया। हमारे दैनिक जीवन में कई ऐसी आदतें हैं, जिनकी वजह से हम अनजाने में हजारों लीटर पानी बर्बाद कर देते हैं। उदाहरण के लिए—

एक खुला नल 10-15 लीटर पानी प्रति मिनट बहा सकता है।

एक बार कार धोने में 150-300 लीटर पानी खर्च होता है।

रोजाना 5 मिनट अतिरिक्त शावर लेने से सालभर में 10,000 लीटर पानी बर्बाद होता है।

यदि हम छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें, तो पानी को बचाया जा सकता है।

जल संरक्षण के उपाय:

1. वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting):

छतों पर गिरने वाले बारिश के पानी को स्टोर करने की व्यवस्था होनी चाहिए।

इसे घरेलू उपयोग के लिए शुद्ध किया जा सकता है या भूजल पुनर्भरण में इस्तेमाल किया जा सकता है।

2. जल पुनर्चक्रण (Water Recycling):

इस्तेमाल किए गए पानी को शुद्ध करके दोबारा उपयोग में लाया जा सकता है।

घरेलू स्तर पर नहाने, कपड़े धोने या बर्तन धोने के पानी को पौधों में सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

3. बूंद सिंचाई प्रणाली (Drip Irrigation):

किसानों को पारंपरिक बाढ़ सिंचाई के बजाय बूंद सिंचाई अपनानी चाहिए, जिससे 60% तक पानी की बचत हो सकती है।

4. नदी और जल स्रोतों का संरक्षण:

नदियों, झीलों और तालाबों में कचरा और प्लास्टिक फेंकने से बचना चाहिए।

पानी के प्राकृतिक स्रोतों की सफाई और संरक्षण के लिए स्थानीय स्तर पर अभियान चलाए जाने चाहिए।

5. जन जागरूकता और जिम्मेदारी:

जल संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है।

बच्चों को स्कूलों में जल बचाने की शिक्षा दी जानी चाहिए।

हर नागरिक को पानी बचाने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

रायपुर में जल संकट और समाधान के प्रयास

World Water Day: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी जल संकट गहराता जा रहा है। शहर में भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है। कई इलाकों में गर्मियों के दौरान टैंकर से पानी सप्लाई करनी पड़ती है। इस समस्या से निपटने के लिए प्रशासन ने वर्षा जल संचयन को अनिवार्य करने, सार्वजनिक जल स्रोतों की सफाई और जल पुनर्चक्रण के उपायों को बढ़ावा देने जैसे कदम उठाए हैं।

स्थानीय नागरिकों का योगदान:

World Water Day” रायपुर के कुछ जागरूक नागरिक जल संरक्षण के लिए प्रयास कर रहे हैं। तिरुपति कॉलोनी के निवासी अमरनाथ वर्मा ने अपने घर में वर्षा जल संचयन प्रणाली लगवाई है, जिससे उनकी सोसाइटी के लोगों को गर्मियों में पानी की कमी का सामना नहीं करना पड़ता। इसी तरह, कुछ युवा संगठनों ने शहर के तालाबों की सफाई और जागरूकता अभियान चलाए हैं।

सरकार और प्रशासन की भूमिका

भारत सरकार ने जल संरक्षण के लिए कई योजनाएं चलाई हैं, जैसे:

जल जीवन मिशन: 2024 तक हर घर को पाइप के जरिए स्वच्छ जल उपलब्ध कराना।

अटल भूजल योजना: भूजल पुनर्भरण और प्रबंधन के लिए शुरू की गई योजना।

नमामि गंगे योजना: गंगा नदी को स्वच्छ और पुनर्जीवित करने के लिए चलाई जा रही योजना।

इसके अलावा, राज्य सरकारें भी जल संरक्षण के लिए विभिन्न स्तरों पर काम कर रही हैं।

विश्व जल दिवस का महत्व

World Water Day: विश्व जल दिवस केवल एक दिन मनाने के लिए नहीं, बल्कि यह हमें पूरे साल जल संरक्षण के लिए प्रेरित करने का अवसर देता है। इस दिन विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों और संगठनों में जल संरक्षण को लेकर कार्यशालाएं, सेमिनार और प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।

इस वर्ष विश्व जल दिवस 2025 की थीम “वॉटर फॉर पीस” (Water for Peace) रखी गई है, जो दर्शाती है कि जल केवल एक संसाधन नहीं, बल्कि शांति और स्थिरता का आधार भी है।

जल है तो कल है!

World Water Day: पानी को लेकर हम सभी की ज़िम्मेदारी बनती है कि हम इसे बचाने का संकल्प लें। यदि आज हमने जल संरक्षण की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए, तो आने वाली पीढ़ियों को भारी संकट का सामना करना पड़ेगा। जल बचाना केवल सरकार का काम नहीं, बल्कि हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।

इस विश्व जल दिवस पर हम सब मिलकर एक छोटा सा संकल्प लें:
“हर बूंद कीमती है, इसे व्यर्थ न बहाएं, जल बचाएं – जीवन बचाएं!”

 

Bholuchand Desk
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"राजनीति, मनोरंजन, शिक्षा जगत, खेल, टेक्नोलॉजी और संस्कृति जैसे विभिन्न मुद्दों पर लिखना, एवं पाठकों को ताजगी और सटीकता के साथ सूचना प्रदान करना ही मेरा उद्देश्य है।"
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