रायपुर स्थित संजीवनी कैंसर हॉस्पिटल में स्तन कैंसर की एक जटिल लेकिन सफल सर्जरी हाल ही में की गई। 47 वर्षीय महिला मरीज, जो तीन साल पहले गर्भावस्था के दौरान ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित थीं, ने दोबारा दाहिने स्तन में गांठ की शिकायत के साथ वरिष्ठ कैंसर सर्जन और क्लिनिकल डायरेक्टर डॉ. मौ रॉय से परामर्श लिया।
पहले उपचार के दौरान कीमोथेरेपी, स्तन-संरक्षण सर्जरी और रेडिएशन की मदद से उन्हें सफलतापूर्वक ठीक किया गया था। नियमित फॉलो-अप के दौरान हाल ही में रूटीन मैमोग्राफी में एक नई संदिग्ध गांठ का पता चला, जो सामान्य शारीरिक जांच से नहीं महसूस की जा सकी। यह दर्शाता है कि स्क्रीनिंग समय रहते कैंसर की पहचान के लिए कितनी आवश्यक है।
गांठ की स्थिति स्पष्ट करने के लिए अल्ट्रासाउंड गाइडेड बायोप्सी की गई, जिसमें पुष्टि हुई कि यह हार्मोन पॉजिटिव ब्रेस्ट कैंसर है और इसे सर्जरी से पहले हटाना जरूरी था। चूंकि गांठ बहुत छोटी थी और स्तन का आकार बड़ा था, इसलिए ‘वायर लोकलाइज़ेशन तकनीक’ का उपयोग किया गया। इस प्रक्रिया में अल्ट्रासाउंड की मदद से गांठ में एक विशेष वायर डाला गया और उसी की सहायता से सर्जरी के दौरान गांठ को सुरक्षित रूप से निकाला गया।
इसके साथ ही ‘सेंटिनल नोड बायोप्सी’ की गई, जिसमें नीले और हरे रंग का डाई स्तन में इंजेक्ट कर बगल के लिम्फ नोड्स की पहचान की गई। उन्हें तत्काल जांच के लिए भेजा गया और सौभाग्यवश रिपोर्ट में कैंसर का फैलाव लिम्फ नोड्स तक नहीं मिला।
इससे बड़ी सर्जरी की आवश्यकता नहीं पड़ी और मरीज का लंप एक्सीजन (गांठ हटाना) और ब्रेस्ट-कंजर्वेशन (स्तन संरक्षित रखते हुए इलाज) सफलतापूर्वक किया गया।
यह मामला एक बार फिर यह साबित करता है कि सही समय पर जांच, सटीक निदान और अत्याधुनिक तकनीक से इलाज संभव है। डॉ. मौ रॉय और उनकी टीम द्वारा किया गया यह सफल ऑपरेशन छत्तीसगढ़ में कैंसर उपचार के क्षेत्र में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।