रायपुर। 26 जनवरी 2025 को पारस इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन, भाटागांव, रायपुर में 75वां गणतंत्र दिवस बड़े ही धूमधाम और गर्व के साथ मनाया गया। इस खास मौके पर संस्थान की निदेशक सुश्री कविता कुम्भज, सह-निदेशक श्री कश्यप जी, और अमलेश्वर शाखा के निदेशक श्री राहुल कुम्भज सहित सभी शिक्षक, स्टाफ और छात्र-छात्राओं ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई।
विविध प्रकार के नाटक और गीत की प्रस्तुति:
कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रध्वज फहराकर किया गया, जिसे संस्थान की निदेशक कविता कुम्भज ने फहराया। तिरंगे के नीचे राष्ट्रगान की गूंज ने पूरे परिसर को देशभक्ति के रंग में रंग दिया। कार्यक्रम का अगला चरण सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का था, जिसमें बच्चों ने विविध प्रकार के नाटक और गीत प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया।
इस अवसर पर बच्चों ने “नशे से होने वाले नुकसान” पर एक नाटक प्रस्तुत किया। इस नाटक के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि नशा न केवल एक व्यक्ति के स्वास्थ्य को बर्बाद करता है, बल्कि उसके परिवार और समाज पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। इस नाटक ने दर्शकों को नशे से दूर रहने और स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद बच्चों ने भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता पर आधारित एक भावनात्मक नाटक प्रस्तुत किया। इस नाटक ने सच्ची मित्रता के महत्व को उजागर किया और दर्शकों को यह समझने का अवसर दिया कि सच्चे मित्र जीवन में कितने जरूरी हैं।
निदेशक कविता कुम्भज ने बच्चों की प्रस्तुति की सराहना करते हुए कहा, “गणतंत्र दिवस केवल एक पर्व नहीं है, बल्कि यह हमारे संविधान के महत्व को समझने और अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का अवसर है। बच्चों ने अपने नाटकों के माध्यम से सामाजिक जागरूकता और नैतिक मूल्यों को जिस प्रकार प्रस्तुत किया है, वह प्रशंसनीय है। यह हमारे देश का भविष्य उज्जवल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
सह-निदेशक श्री कश्यप ने भी अपने संबोधन में बच्चों की मेहनत और उनके संदेशों की सराहना की। उन्होंने कहा, “ऐसे आयोजन बच्चों में न केवल देशभक्ति की भावना जगाते हैं, बल्कि उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनने की दिशा में भी प्रेरित करते हैं। नशे के खिलाफ बच्चों का संदेश बेहद महत्वपूर्ण है, और इसे हर किसी को गंभीरता से लेना चाहिए।”
अमलेश्वर शाखा के निदेशश्री राहुल कुम्भज ने भी बच्चों का उत्साहवर्धन किया और सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि बच्चों द्वारा प्रस्तुत श्रीकृष्ण और सुदामा की कथा ने सच्ची मित्रता के महत्व को खूबसूरती से प्रस्तुत किया है, जो आज की पीढ़ी के लिए एक आदर्श है।
कार्यक्रम के अंत में बच्चों को उनके प्रदर्शन के लिए पुरस्कार वितरित किए गए। इसके बाद सभी ने सामूहिक रूप से राष्ट्रगान गाकर कार्यक्रम का समापन किया।
यह आयोजन न केवल गणतंत्र दिवस को यादगार बनाने में सफल रहा, बल्कि बच्चों और सभी उपस्थित जनों को देशभक्ति, सामाजिक जिम्मेदारी और नैतिक मूल्यों के महत्व को समझाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी साबित हुआ। पारस इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन का यह प्रयास सराहनीय है और ऐसे आयोजनों से न केवल बच्चों का विकास होता है, बल्कि पूरे समाज को एक नई दिशा मिलती है।