बारिश ने बिगाड़ी फसल और आपूर्ति
थोक व्यापारियों के मुताबिक, लगातार बारिश के चलते सब्जी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। स्थानीय किसान अब सब्जी की जगह धान की खेती कर रहे हैं, जिससे बाजार में लोकल सब्जियों की आवक बहुत कम हो गई है। जो किसान सब्जी की खेती कर भी रहे हैं, वे मौसम की मार से परेशान हैं।
परिवहन और आपूर्ति व्यवस्था चरमराई
भारी बारिश के कारण ट्रांसपोर्ट व्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। कई ट्रक रास्तों में फंसे हैं, जिससे ढुलाई की लागत भी बढ़ गई है। इसका सीधा असर सब्जियों की कीमतों पर पड़ा है। थोक बाजारों से चिल्हर तक पहुंचते-पहुंचते कीमतों में और भी उछाल आ रहा है।
खुदरा बाजार में महंगाई की मार
खुदरा बाजार में सब्जियों के दाम तेजी से बढ़े हैं:
-
जो सब्जियां पहले ₹15 से ₹30 प्रति किलो बिक रही थीं, अब वे ₹40 से ₹80 प्रति किलो तक पहुंच गई हैं।
-
टमाटर की कीमत सबसे अधिक बढ़ी है, जो अब ₹50 से ₹60 प्रति किलो बिक रहा है।
-
करेला भी महंगे दामों पर बिक रहा है।
मांग ज्यादा, आपूर्ति कम
थोक मंडी के व्यापारियों का कहना है कि इस समय बाजार में खपत ज्यादा और आपूर्ति कम है, जिससे दामों में उछाल बना हुआ है। जब तक बारिश थमकर स्थिति सामान्य नहीं होती, सब्जियों की कीमतें कम होने की उम्मीद नहीं है।