Monday, June 16, 2025
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छत्तीसगढ़ में जमीन खरीदना अब और आसान: अब नहीं लगाने होंगे तहसील के चक्कर, ज़मीन खरीदते ही नामांतरण होगा अब ऑटोमैटिक!

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने भूमि संबंधी मामलों में बड़ा प्रशासनिक सुधार करते हुए जमीन की खरीद-बिक्री के बाद होने वाली नामांतरण प्रक्रिया (Mutation) को अब पूरी तरह ऑटोमेटेड बना दिया है। इस नई व्यवस्था के तहत, जैसे ही किसी भूमि की रजिस्ट्री होगी, उसी क्षण उसका नामांतरण भी स्वतः हो जाएगा। इसके लिए अब तहसील में आवेदन करने या तहसीलदार की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी।

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी गजट नोटिफिकेशन के अनुसार, तहसीलदारों से नामांतरण के अधिकार हटाकर अब यह शक्तियां जिले के रजिस्ट्रार और सब-रजिस्ट्रार को दे दी गई हैं। इस नई व्यवस्था की शुरुआत राजस्व मंत्री टंकाराम वर्मा के विधानसभा क्षेत्र से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में की गई है।

बलौदाबाजार में सफल परीक्षण, ऑटो-म्यूटेशन का पहला मामला दर्ज

बुधवार को बलौदाबाजार जिला मुख्यालय स्थित रजिस्ट्री कार्यालय में इस व्यवस्था के तहत पहला सफल मामला दर्ज किया गया। ग्राम लिमिही निवासी प्रसन्न शुक्ला ने राजेंद्र प्रसाद शुक्ला से जमीन खरीदी। रजिस्ट्री होते ही खसरा नंबर 414/2 और 414/5 की जमीन स्वतः प्रसन्न शुक्ला के नाम पर बी-1 रिकॉर्ड में दर्ज हो गई — यानी रजिस्ट्री और नामांतरण एक साथ, एक प्रक्रिया में।

गजट नोटिफिकेशन की मुख्य बातें

राजस्व विभाग के सचिव अविनाश चंपावत द्वारा हस्ताक्षरित गजट नोटिफिकेशन के अनुसार:

छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 24(1) और धारा 110 के अंतर्गत यह संशोधन लागू किया गया है।

अब पंजीकृत विक्रय पत्र (Registered Sale Deed) के आधार पर जमीन का स्वचालित नामांतरण (Auto Mutation) होगा।

नामांतरण की शक्तियां अब तहसीलदारों के बजाय रजिस्ट्रार/सब-रजिस्ट्रार के पास होंगी।

नए सिस्टम के लाभ

✅ नामांतरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता: अब तहसील स्तर पर लंबी कानूनी प्रक्रियाओं की जरूरत नहीं।
✅ समय और श्रम की बचत: रजिस्ट्री के साथ ही बी-1 में नाम अपडेट हो जाएगा।
✅ फर्जीवाड़े पर नियंत्रण: तहसीलदारों की कोर्ट में की जाने वाली हेराफेरी पर विराम लगेगा।
✅ किसानों को राहत: बंटवारे के बाद नामांतरण की देरी के कारण समर्थन मूल्य पर धान बेचने में जो परेशानियां आती थीं, वे अब नहीं रहेंगी।
✅ बैंकिंग और ऋण मामलों में सुविधा: सही भूमि स्वामी के नाम से रिकॉर्ड अपडेट होने से खातों और ऋण प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।

फर्जी रजिस्ट्री और दस्तावेजी गड़बड़ी पर लगेगी लगाम:

राज्य सरकार को लंबे समय से ऐसी शिकायतें मिल रही थीं कि फर्जी रजिस्ट्री और राजस्व अमले की मिलीभगत से नामांतरण कराकर असली जमीन मालिकों को धोखा दिया जा रहा था। इस नई व्यवस्था से ऐसे मामलों पर लगाम लगेगी और वास्तविक भूमि स्वामियों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

Bholuchand Desk
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"राजनीति, मनोरंजन, शिक्षा जगत, खेल, टेक्नोलॉजी और संस्कृति जैसे विभिन्न मुद्दों पर लिखना, एवं पाठकों को ताजगी और सटीकता के साथ सूचना प्रदान करना ही मेरा उद्देश्य है।"
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