भारतीय रेलवे ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग सिस्टम में हो रहे दुरुपयोग पर बड़ा कदम उठाया है। रेलवे ने IRCTC के 2.5 करोड़ से ज्यादा फर्जी यूज़र आईडी को डिएक्टिवेट कर दिया है। ये ID मुख्य रूप से तत्काल टिकट बुकिंग में सॉफ्टवेयर और बॉट्स के जरिए इस्तेमाल की जा रही थीं, जिससे आम यात्रियों को टिकट नहीं मिल पाता था।
अब रेलवे ने टिकट बुकिंग को ज्यादा पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए नई गाइडलाइंस लागू कर दी हैं।
जानें क्या हैं नए नियम:
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तत्काल टिकट अब केवल आधार वेरिफाइड यूजर्स ही बुक कर सकेंगे। यह नियम 1 जुलाई 2025 से लागू है।
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एजेंट तत्काल बुकिंग विंडो खुलने के पहले 30 मिनट तक टिकट नहीं बुक कर सकेंगे।
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रेलवे ने फर्जी बुकिंग रोकने के लिए 2.5 करोड़ से अधिक संदिग्ध ID डिएक्टिवेट कर दी हैं।
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PRS काउंटरों पर अब डिजिटल पेमेंट की सुविधा भी शुरू कर दी गई है।
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इमरजेंसी कोटा के लिए आवेदन अब यात्रा से एक दिन पहले करना होगा।
रेल मंत्रालय के अनुसार, अब कुल आरक्षित टिकटों में से लगभग 89% टिकट ऑनलाइन माध्यम से बुक किए जा रहे हैं। इसलिए बुकिंग प्रणाली को पारदर्शी बनाना ज़रूरी हो गया है।
वेटिंग लिस्ट कम करने के लिए स्पेशल ट्रेनें
रेलवे ने बताया कि वेटिंग लिस्ट को कम करने के लिए ज़रूरत पड़ने पर अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी, ताकि यात्रियों को कन्फर्म टिकट मिल सके।