रायपुर — छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को नया आयाम देने के लिए राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। नवा रायपुर अटल नगर के पुरखौती मुक्तांगन के सामने भव्य ‘कलाग्राम’ की स्थापना की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा 10 एकड़ भूमि निःशुल्क प्रदान की जाएगी। यह निर्णय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में 4 जून को महानदी भवन, नवा रायपुर में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया।
लोककला को मिलेगा वैश्विक मंच
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि कलाग्राम की स्थापना से छत्तीसगढ़ की पारंपरिक कला, लोकसंस्कृति और हस्तशिल्प को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। यह स्थान सिर्फ ईंट-पत्थर की इमारत नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के कलाकारों के सपनों का मंच होगा, जहां वे अपनी कला को दुनिया के सामने रख सकेंगे और आजीविका के अवसर भी प्राप्त कर सकेंगे।
भारत सरकार वहन करेगी निर्माण खर्च
कलाग्राम का निर्माण, संचालन और रख-रखाव भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा किया जाएगा। यह परिसर शिल्पकारों, लोक कलाकारों और परंपरागत कारीगरों के लिए एक समर्पित सांस्कृतिक केंद्र होगा। यहां सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा और यह रचनात्मक अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख केंद्र बनकर उभरेगा।
नवा रायपुर में आदर्श स्थान
नवा रायपुर के सेक्टर-24, ग्राम उपरवारा में स्थित यह भूमि पुरखौती मुक्तांगन के सामने है और दो मुख्य सड़कों से जुड़ी हुई है, जिससे इसे कलाग्राम के लिए आदर्श स्थान माना गया है। चूंकि नवा रायपुर विकास प्राधिकरण स्ववित्त पोषित संस्था है, इसलिए राज्य सरकार प्रीमियम और भू-भाटक की राशि का भुगतान करेगी।
स्थानीय कलाकारों के लिए अवसरों के द्वार
यह निर्णय न केवल छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को मजबूती देगा, बल्कि स्थानीय कलाकारों और शिल्पकारों को राष्ट्रीय स्तर पर अपनी कला के प्रदर्शन का स्थायी मंच भी प्रदान करेगा।